सोमवार, 8 सितंबर 2014

एक सूचना के साथ कडि़यों को फिर से जोड़ने का प्रयास- आदरणीया इस्‍मत ज़ैदी जी को इस वर्ष का सुकवि रमेश हठीला स्‍मृति शिवना सम्‍मान प्रदान किया जाएगा ।

मित्रों जीवन का बड़ा ही अजीब सा खेला है । शुरू होता है और समाप्‍त होता है । हम बहुत कुछ ऐसा करते हैं जो आखिर में समाप्‍त होता है । और इन सबके पीछे बहुत कुछ होता है । जैसे कि ये ही कि सात साल पहले ऐसे ही किसी दिनों में ब्‍लॉगिंग की शुरूआत की । इस ब्‍लॉग की । सुबीर संवाद सेवा। जो एक मंच बन गया । बीच में कई सारी उपलब्धियां मिलीं । बहुत कुछ हुआ । एक पूरा परिवार बन गया । इस परिवार में कई लोग मिलते गए जुड़ते गए। और सफर चलता रहा । फिर जाने क्‍या हुआ कि साल डेढ़ साल पहले सफर पर अचानक विराम लग गया । लेकिन ये जरूर हुआ कि समय के साथ ब्‍लॉगिंग परिवार के जो लोग विरचुअल थे उन सबसे मिलना हो गया । लगभग सभी से । और मिल कर लगा ही नहीं कि पहली बार ही मिलना हो रहा है । इतनी बातें हो चुकी थीं कि लगना था ही नहीं ।

लेकिन हां ये बात ज़रूर है कि सिलसिला रुक जाने से मन में पीड़ा भर गई । हर बार सोचा कि सिलसिला शुरू किया जाए मगर बस । इस बीच व्‍यस्‍तताओं ने पैर पकड़ रखे । हालांकि व्‍यस्‍तता का तो बहाना होता है बात तो प्राथमिकता की होती है । दिन भर में दस पन्‍द्रह मिनट का समय तो निकाला जा सकता है । इस बीच ब्‍लॉगिंग के कई अल्‍टरनेट आए । फेसबुक, वाट्स अप आदि आदि । लेकिन जो आनंद यहां है वो कहीं नहीं । फेसबुक एक ऐसा मंच है जहां पर आपको केवल प्रशंसा करने और सुनने जाना है । और कुछ नहीं । वहां कोई किसी के बारे में लिखे तो अच्‍छा ही लिखे । यदि वो गलत है तो भी । एक प्रकार की अराजकता बसी है वहां ।

बहुत दिनों बाद लिख रहा हूं। इसलिए कुछ आदत छूट सी गई है । मगर अब कोशिश करूंगा कि आदत बनी रहे । भले ही अंतराल हो लेकिन निरंतरता बनी रहे । यहां के तरही मुशायरे बंद होने के बाद कई लोगों ने नया ही नहीं  लिखा । और ऐसा कुछ लोगों ने स्‍वयं मुझसे कहा । यदि ऐसा है तो ये मेरा ही अपराध है । राकेश खंडेलवाल जी ने कई बार फोन करके मुझसे इस विषय में चिंता व्‍यक्‍त की। मगर फिर भी सन्‍नाटा बना रहा तो मैं ही उसका दोषी हूं ।

तो आज एक सूचना के साथ कडि़यों को फिर से जोड़ने का प्रयास कर रहा हूं । सूचना ये कि निर्णायक समिति ने वर्ष 2013 हेतु शिवना सम्‍मान का नाम तय कर लिया है । सुकव‍ि रमेश हठीला शिवना सम्‍मान पिछले वर्ष श्री तिलकराज कपूर जी को और उससे पहले श्री नीरज गोस्‍वामी जी को प्रदान किया जा चुका है ।  इस वर्ष भी सम्‍मान समारोह का आयोजन दिसम्‍बर अथवा जनवरी में किया जाना प्रस्‍तावित है । तो इस वर्ष निर्णायक समिति ने सुकवि रमेश हठीला शिवना सम्‍मान हेतु वरिष्‍ठ शायरा आदरणीया इस्‍मत ज़ैदी जी का नाम तय किया है । शिवना प्रकाशन की ओर से उनको बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं । इस्‍मत जी अभी तक गोवा की निवासी थीं लेकिन अब वे मध्‍यप्रदेश के ही सतना में आ गईं हैं । जल्‍द ही सम्‍मान की तिथि आदि घोषित की जाएगी ।

ismat zaidi didi

सुकवि रमेश हठीला शिवना सम्‍मान

आदरणीया इस्‍मत ज़ैदी जी

तो ये सूचना थी जिसकी भूमिका के लिए मैंने बहुत कुछ कहा । मगर हां अब ये जरूर कि कोशिश करूंगा यहां पर निरंतरता बनाए रखने की । परिवार जैसा एक समूह जो कि कुछ दूर दूर हो गया है उसे फिर से पास लाने की । जल्‍द ही अगली घोषणा भी की जाएगी । लेकिन अगली घोषणा आप सब के उत्‍साह पर ही निर्भर करती है । तो बस ये कि सिलसिला फिर से शुरू करने के लिए आप सब का साथ और उत्‍साह बहुत आवश्‍यक है ।

परिवार