बुधवार, 20 फ़रवरी 2008

बहुत दिनों के बाद माड़साब लौटे हैं ग़ज़ल की कक्षा में और इस बार तो हद ही हो गई है, पूरे सोलह दिनों के नागे के बाद लौट रहे हैं माड़साब

होता है ऐसा कि कई बार सब कुछ ठीक होते हुए भी वैसा नहीं हो पात है जैसा आप सोच रहे होते हैं । पहले तो ये हुआ कि अपने सिस्‍टम को ठीक करने के लिये कुछ करने की इच्‍छा हुई । दिन भर में कई सारे सिस्‍टम ठीक करते हैं पर अपने को ही ठीक करने की कभी इच्‍छा नहीं हुई । खुद का ही कम्‍प्‍युटर इतना पंगा कर रहा था कि काम ही नहीं हो पात था । उस पर नया विंडोज विस्‍टा चलाने की भी इच्‍छा हो रही थी । मगर वही दिक्‍कत थी कि इतने सारे साफ्ट वेयर जो मैं यूज करता हूं उनको फिर से डालना और वही सब फिर से करना  । और फिर ये भी था कि विस्‍टा काम कैसा करता है अभी तो मैं जो करता था वो ये था कि रवि रतलामी जी की सलाह पर इन्‍स्‍टाल किये गए लाइव रायटर में ही सारे ब्‍लागों का एकाउंट खोल कर रखा है और  वहीं से ही सारे पौस्‍ट करता हूं । मेल चेक करने के लिये आउटलुक पर व्‍यवस्‍था जमा रखी है सो काफी आसानी से काम हो जाता था । उस पर चूंकी टाइपिंग करना भी आती है सो रेमिंगटन में चाणक्‍य में जो अभ्‍यास था वही यहां पर काम भी आ गया । मगर डर वही था कि विस्‍टा इन सब को सपोर्ट भी करेगा कि नहीं उस पर विस्‍टा का ट्रायल वर्सन । खैर जो भी हो सात दिन तो लग गए अपने सिस्‍टम को विस्‍टा के अनुरूप बनाने में जिस प्रकार बहू का स्‍वागत करने के लिये घर में एक कमरा और बनाया जाता है तो वही तैयारी कर रहा था । पहले तो पांच सौ जीबी की हार्ड डिस्‍क लगानी पड़ी फिर कोर 2 प्रोसेसर 2 जीबी रेम ये सब करने के बाद ही कहीं विस्‍टा महारानी का स्‍वागत हो पाया । अभी दो दिन ही हुए हैं इन्‍स्‍टाल किये हुए पर ऐसा लग रहा है कि ठीक है जो कुछ भी है वो सही चल रहा है । बस हां काम करने में कुछ दिक्‍कतें आ रहीं हैं क्‍योंकि वहां पर और यहां पर के माहौल में कुछ अंतर है । अचानक ही कभी कभी काम करते करते ही वेब साइट बंद हो जाती हैं । पर मुझे ज्ञात हुआ कि वो सिक्‍युरिटी के कारण है और उसके पीछे जो कारण है वो ये है कि सिक्‍यूरिटी को लेकर कोई समस्‍या होती है तो ऐसा हो जाता है । विस्‍टा के ग्राफिक्‍स तो मन को मोहने वाले हैं । काम करने का स्‍टाइल भी अच्‍छा है । तो आज तो बस यही कि माड़साब वापस आ रहे हैं शायाद कल से ही कक्षाएं फिर से प्रारंभ हो जाएंगीं । और फिर जो कुछ जैसा चल रहा था वैसा ही हम फिर से चलाने की कोशिश करेंगें ।

1 टिप्पणी:

  1. जब जब आयेंगे तब तब स्वागत है..इस बार नई महारानी जी विस्टा के साथ. :)

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